वैसे तो हर प्रकार के फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए लेकिन अच्छी सेहत के लिए आप अपने आहार में लाल फल और लाल सब्जियों का सेवन अधिक करें। ऐसा कहने के पीछे का कारण यह है की इसमें बाकियों के मुकाबले ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व पाएं जाते हैं। लाल रंग के फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे लाइकोपीन और एंथोकाइनिन से भरपूर होते हैं जिनके सेवन से हृदय संबंधी समस्याएं, स्ट्रोक और मैकुलर डिजेनरेशन आदि का खतरा कम होता है। आइए जानते हैं कि लाल रंग के फलों और सब्जियों के सेवन से आपको क्या लाभ मिलते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण :-
गहरे लाल रंग के फलों और सब्जियों में आयरन, फाइबर, और फाइटो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते है। कुछ एंजाइम्स भी होते है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है। ये सब अन्य फल-सब्जियों में नहीं पाए जाते है। लाल रंग के फल व सब्जी फैट, कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद करते है। इसमें कैलोरी, सोडियम भी कम मात्रा में होता है।
- 95% युवा प्रयाप्त मात्रा में लाल रंग के फल और सब्जियां नहीं लेते हैं।
- 85% लाइकोपिन की पूर्ति शरीर में टमाटर खाने से होती है।
- विटामिन सी
- लाइकोपीन
- क्वरसेटिन
- एलैजिक एसिड
- हेस्पेरेडिन
विटामिन सी :-
टमाटर में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसके सेवन से उम्र बढने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और आप लंबे समय तक स्वस्थ और जवां रहते हैं। यह कैंसर, हृदय रोग, गठिया जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को कम करता है। लाल शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, रेस्पबेरी, टमाटर आदि में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है।
लाइकोपीन :-
लाइकोपीन केराटेनोइड है जिसके कारण फलों और सब्जियों को उनका लाल रंग मिलता है।यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं जो आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है।
क्वरसेटिन:- लाल मिर्च में क्वरसेटिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। क्वरसेटिन एक फ्लैवोनेइड है जो अधिकतर गाढ़े रंग वाली सब्जियों और फलों में पाया जाता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर, कोलन कैंसर, अस्थमा आदि समस्याओं से बचाव करता है। लाल प्याज, क्रेनबेरी, चेरी, सेब और लाल मिर्च में क्वरसेटिन पाया जाता है।
एंथोसियानिन:- गहरे लाल रंग की चैरीज़ में भरपूर मात्रा में पोषण होता है, चैरी में पाया जाने वाला एंथोसियानिन उन्हें गहरा लाल रंग देता है।ये एंथोसियानिन शरीर को फ्री रैडिकल्स के नुकसान से बचाता है और बाहरी विषाक्तों को एजिंग की प्रक्रिया को तेज़ करने से दूर करता है।
एलैजिक एसिड :- यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर की कोशिकाओं की रक्षा कर इन्हें डैमेज होने से बचाता है। इसके साथ ही घावों को भरने में भी मदद करता है। रेस्पबेरी, स्ट्रॉबेरी, अनार, अमरुद और क्रेनबेरी आदि में एलैजिक एसिड होता है।
हेस्पेरेडिन:- हेस्पेरेडिन एक बायफ्लैवोनोइड है। यह सिट्रस फल जैसे की ग्रेपफ्रूट और आड़ू के छिलकों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। हेस्पेरेडिन अस्थमा के संकेतों को कम करने में मदद करता है और साथ ही कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
इन फ़ल-सब्जियों का सेवन करें :- अनार, तरबूज, सेब, चैरी, रसभरी, स्ट्रॉबेरी, लाल अंगूर, टमाटर, अमरुद, लाल शिमला मिर्च, राजमा, लाल मिर्च, चुकंदर, गाजर, प्याज लें। ऊर्जा समान्य रहती है और आलस्य दूर रहता है :-
लाल रंग के फल और सब्जियों के सेवन से शरीर की ऊर्जा का स्तर सामान्य बना रहता है ये थकान और आलस्य दूर करते है। इनमे प्रोटीन और खनिज की मात्रा अधिक होती है। लाल रंग की कमी से खून की कमी, सहनशक्ति में कमी, सिरदर्द आदि के रूप में सामने आती है। इससे शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं से भी लड़ने में मदद मिलती है।
For natural, ayurvedic healing of such health problem, you can consider this ayurvedic product:
https://www.divyaupchar.com/product/divya-kit/